केंद्र सरकार को राहत : नागरिकता कानून पर कोर्ट ने तुरंत रोक से किया इंकार , सीएए पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में माँगा जवाब

सुर्प्रीम कोर्ट में नागरिकता कानून पर केंद्र सरकार को सभी याचिकाओं पर नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में जवाब माँगा है । याचिकाकर्ताओं के वकील की मांग थी की जवाब आने तक सीएए कानून पर रोक लगा दी जाये।  कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु ने ये भी कहा अगर रोक नहीं लगाई जा सकती तो इसे कुछ समय के लिए टाल  जाए।  इस बात का अटॉर्नी जनरल ने विरोध किया कोर्ट ने भी माना की सीएए कानून पर रोक लगाना या टाल देना दोनों एक ही बात है।


कोर्ट ने ये कहते हुए याचिकाकर्ताओं की मांग को ठुकरा दिया कि जब तक केंद्र सरकार की बात को सुना न जाये तब तक कोई आदेश नहीं दिया जा सकता।  कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में जवाब माँगा है।


सीएए पर और याचिका नहीं ली जाएगी : कोर्ट 


अटॉर्नी जनरल की ये मांग थी की अब और किसी याचिकाओं को न लिया जाये। कोर्ट ने इस बात को भी माना कि अब और किसी याचिका को मंजूर नहीं किया जायेगा।  सरकार को कुल 144 याचिकाओं पर जवाब देना है। पहले सरकार की तरफ से 60 याचिकाओं पर जवाब दिया जाना था। बाद में 84 और याचिका सुप्रीम कोर्ट में दी गई इस तरह कुल 144 याचिकाओं पर सरकार को जबाव देना है जिसके लिए 4 हफ्ते का समय दिया गया है।


याचिकाकर्ताओं के वकील कोर्ट से बार-बार इस बात की मांग कर रहे थे कि अगर एक बार किसी को नागरिकता मिल जाएगी तो उसे वापस नहीं लिया जा सकेगा।  कपिल सिब्बल ने कोर्ट में ये दलील दी की यूपी सरकार ने इसकी प्रक्रिया शुरू भी कर दी है। जिसमे 40 हजार लोगो को चिन्हित भी किया जा चूका है। सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी की ये भी मांग थी कि इसे संवैधानिक पीठ को पीठ को भेजा जाये पर कोर्ट ने इसे भी ख़ारिज कर दिया।  कोर्ट ने कहा अगली सुनवाई में ये तय किया जायेगा की इसको संवैधानिक पीठ को भेजना है या नहीं । असम-त्रिपुरा पर भी अलग से सुनवाई पर कोर्ट ने इंकार कर दिया।